Tuesday, December 28, 2010
अटल मेरे मन से....
अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जब 1996 में13 दिन की सरकार बनाई थी, उस वक्त मेरे लिए वो सबसे हर्ष का दिन था। मुझे लोकसभा को वो दृष्य भलि भांति याद है जब विश्वास मत हासिल करने के लिए बहस चल रही थी, और एक एक कर वक्ता अपनी पार्टी के मत को सार्वजनिक कर रहे थे। अंत में जब साफ हो गया था कि अटल जी को सदन का पूरा समर्थन नहीं है और उनकी सरकार नहीं बन सकेगी, मेरा मन दुख से भर उठा और निराशा ने जैसे मुझे पूरी तरह से घेर लिया। मै उस वक्त 9वीं या 10वीं का छात्र था, लेकिन सदन में उस दिन दिया गया अटल जी का वो भाषण मुझे उनका मुरीद बना गया, वो दिन था और आज का दिन है... अटल जैसे मेरे मस्तिष्क में समाहित हो गए हैं... और उनकी हर भाव भंगिमा मेरे स्मृति मन में अमिट छाप छोड़ गई है।
अटल जी को मैने कभी अपने जीवन में साक्षात तो नहीं देखा है... कामना करता हूं कि जल्द मुझे मौका मिलेगा और मै उनसे मिल सकूंगा, लेकिन उन्हें टीवी पर और समाचार चैनलों की रिपोर्ट्स में उनपर चलने वाले पैकेज देखना मै कभी नहीं भूलता था। अटल बिहारी वाजपेयी जी को जितनी बार टीवी पर सुना और देखा, उनके वाक पटुता का मै कायल होता चला गया। मेरे स्मरण में आज तक मैने ऐसा शानदार वक्ता ना तो कभी सुना हो और ना देखा है। अटल जी का कायल सिर्फ मै ही नहीं हूं, अलबत्ता उन्हें सुनने वालों की तादाद करोड़ो में है। आज भी अगर ये बात फैल जाए कि अटल जी बोलने वाले हैं तो मै दावे के साथ कह सकता हूं कि लाखों की भींड़ सैंकंडो में निकल आएगी उन्हें सुनने के लिए। अटल जी का व्यक्तित्व ही ऐसा है कि उनसे लोग स्नेह करने लगते हैं। अटल, अपने राजनीतिक विरोधियों में भी आदरता के पात्र रहे हैं। अटल जी ने वैचारिक रूप से विरोध करने वालों को भी सदा सम्मान दिया, उनकी बातों का मान रखा, शायद यही वजह है कि विपक्षी दल उनकी बातों का मान रखते थे और सम्मान भी करते थे। अटल जी के खिलाफ किसी राजनेता ने कटु वाक्य बोलने की हिमाकत कभी नहीं की, अटल जी के व्यक्तित्व के डर से नहीं बल्कि उनके प्रति सम्मान की वजह से।
आज जब देश में चारों और भ्रष्टाचार और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के साथ साथ नेताओं की बेशर्मी देखने को मिल रही है, तो अटल जी की सक्रीय राजनीति में कमी खल रही है। अटल जी ने भले ही खराब स्वास्थ्य के चलते सक्रीय राजनीति में अपनी दिलचस्पी कम कर दी हो.... लेकिन मै जानता हूं कि उनका देशभक्त हृदय हर पल देश सेवा के लिए तैयार होगा। अटल जी के 86वें जन्म दिन के अवसर पर पूरा देश यही कामना कर रहा है कि वे जल्द स्वास्थ लाभ करें और कलुष से घिर रही राजनीति को निर्मल करने का युद्ध आरंभ करें....।
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