चमकते रहने का अलग हिसाब होता है,
खुद को खत्म करने का मिजाज होता है।
सितारों की दुनिया ही अलग होती है,
तभी तो फासला भी बेहिसाब होता है।
हर वक्त चमकते रहना मंहगा सौदा है,
इसलिए एक दूसरे को निगलना पड़ता है।
यूं ही सितारे हर वक्त नहीं चमकते,
उनको भी राख होने का खतरा होता है।
-देव
खुद को खत्म करने का मिजाज होता है।
सितारों की दुनिया ही अलग होती है,
तभी तो फासला भी बेहिसाब होता है।
हर वक्त चमकते रहना मंहगा सौदा है,
इसलिए एक दूसरे को निगलना पड़ता है।
यूं ही सितारे हर वक्त नहीं चमकते,
उनको भी राख होने का खतरा होता है।
-देव
1 comment:
अच्छे भाव...
लिखते रहें..
अनु
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